AAP Aur Paap

: : : "दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, भेड़िये। "हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" चोर मचाते रहे शोर -ये सारी दुनियां है चोर ! भूल गए एक उँगली दूसरे की ओर करने से 3 अपनी ही ओर होती हैं!! कथित ईमानदार के सारे पाप सामने आएंगे, तो सब जानते थे; काठ की हांड़ी इतना भी नहीं टिक पायेगी, आश्चर्य !!! कहते हैं जो काँच के घरों में रहते हैं, वो दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते! यहाँ दूसरों के घर पत्थर फेंक दिखाते हैं, हमारा कांच अटूट है!! किन्तु जब पत्थर पड़ने लगे, तो रोने लगे!!! -तिलक सं 9911111611, 7531949051.: : "ब्लाग" पर आपका हार्दिक स्वागत है. इस ब्लॉग पर अपनी प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाये भेज सकते हैं, रचनाएँ स्वरचित है इसका सत्यापन कर ई-मेल yugdarpanp@gmail.com पर भेजें, ये तो आपका ही साझा मंच है.धन्यवाद: :

Saturday, May 31, 2014

इस समूह के पाठकों की सूचनार्थ:

इस समूह के पाठकों की सूचनार्थ:
सत्ता परिवर्तन हुआ व्यवस्था व परिवर्तन अभी शेष है केवल मार्ग खुला। शर्म निरपेक्ष लुटेरी सरकार के जाने से परिवर्तन की राह खुली। विकासोन्मुखी, नई सरकार से सहकार तथा समाज और सरकार के बीच तारतम्य बैठने की दृष्टी से, अपने भी कुछ ब्लॉग के नाम, विषय व आकारपट्ट, शीघ्र ही संशोधित किये जा रहे हैं। तथा एक नया 30 वां ब्लॉग 'विकास दर्पण' आरम्भ किया जा रहा है। 
युग दर्पण समाचार पत्र में भी आगामी अंक से सभी मंत्रालयों के समाचारों के लिए अतिरिक्त पृष्ठ 'विकास दर्पण' आरम्भ किये जा रहे हैं।
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये। "हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं

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