केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने श्री गोपीनाथ मुंडे के निधन पर शोक व्यक्त किया
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज ग्रामीण विकास, पेयजल सफाई तथा पंचायती राज मंत्री श्री गोपीनाथ मुंडे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मंत्रिमंडल ने निम्न शोक प्रस्ताव पारित किया :
मंत्रिमंडल को ग्रामीण विकास, पेयजल सफाई तथा पंचायती राज मंत्री श्री गोपीनाथ मुंडे के 03.06.2014 को प्रात: नई दिल्ली में सड़क दुर्घटना में असामयिक निधन की दु:खद जानकारी मिली।
श्री मुंडे जनाधार वाले जमीन से जुड़े राजनीतिज्ञ और लोकतंत्र समर्थक थे। श्री मुंडे का जन्म महाराष्ट्र के बीड के एक गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी तथा जिला परिषद के स्कूलों में हुई और उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।
श्री मुंडे पांच बार महाराष्ट्र विधान सभा के लिए चुने गए। वह 1992-95 तक महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष के नेता रहे। श्री मुंडे 1995 में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने। 2009 में वह लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2014 में वह फिर लोकसभा के लिए चुने गए। श्री मुंडे को 26 मई, 2014 को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
मंत्रिमंडल राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर विभिन्न रूपों में श्री गोपीनाथ मुंडे की सेवाओं के प्रति सराहना व्यक्त करता है। मंत्रिमंडल उनके त्रासदीपूर्ण निधन से हुई क्षति के प्रति दु:ख व्यक्त करता है। उनके असामयिक निधन से देश ने एक ऐसा अनुभवी और दूरदर्शी नेता खो दिया है, जिन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों में सम्मान के साथ देखा जाता था। मंत्रिमंडल संपूर्ण राष्ट्र की ओर से शोकाकुल परिवार को अपनी गहरी सांत्वना देता है।
भारत सरकार की नई सू प्रौ नीति के अंतर्गत किसी भी विषय पर किसी व्यक्ति, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की टिप्पणी पर कानूनी कार्रवाई (सजा या अर्थदंड अथवा दोनों) का प्रावधान भी रखा गया है। अत: इस मंच में भेजे गए, किसी भी विचार का उत्तरदायित्व पूर्णत: लेखक का होगा।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज ग्रामीण विकास, पेयजल सफाई तथा पंचायती राज मंत्री श्री गोपीनाथ मुंडे के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मंत्रिमंडल ने निम्न शोक प्रस्ताव पारित किया :
मंत्रिमंडल को ग्रामीण विकास, पेयजल सफाई तथा पंचायती राज मंत्री श्री गोपीनाथ मुंडे के 03.06.2014 को प्रात: नई दिल्ली में सड़क दुर्घटना में असामयिक निधन की दु:खद जानकारी मिली।
श्री मुंडे जनाधार वाले जमीन से जुड़े राजनीतिज्ञ और लोकतंत्र समर्थक थे। श्री मुंडे का जन्म महाराष्ट्र के बीड के एक गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी तथा जिला परिषद के स्कूलों में हुई और उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।
श्री मुंडे पांच बार महाराष्ट्र विधान सभा के लिए चुने गए। वह 1992-95 तक महाराष्ट्र विधान सभा में विपक्ष के नेता रहे। श्री मुंडे 1995 में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने। 2009 में वह लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2014 में वह फिर लोकसभा के लिए चुने गए। श्री मुंडे को 26 मई, 2014 को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया।
मंत्रिमंडल राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर विभिन्न रूपों में श्री गोपीनाथ मुंडे की सेवाओं के प्रति सराहना व्यक्त करता है। मंत्रिमंडल उनके त्रासदीपूर्ण निधन से हुई क्षति के प्रति दु:ख व्यक्त करता है। उनके असामयिक निधन से देश ने एक ऐसा अनुभवी और दूरदर्शी नेता खो दिया है, जिन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों में सम्मान के साथ देखा जाता था। मंत्रिमंडल संपूर्ण राष्ट्र की ओर से शोकाकुल परिवार को अपनी गहरी सांत्वना देता है।
भारत सरकार की नई सू प्रौ नीति के अंतर्गत किसी भी विषय पर किसी व्यक्ति, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की टिप्पणी पर कानूनी कार्रवाई (सजा या अर्थदंड अथवा दोनों) का प्रावधान भी रखा गया है। अत: इस मंच में भेजे गए, किसी भी विचार का उत्तरदायित्व पूर्णत: लेखक का होगा।
एजेंडा विकास अर्थात न्यूनतम मंत्रिमंडल से अधिकतम परिणाम का संकल्प।
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये।
"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं
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