AAP Aur Paap

: : : "दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, भेड़िये। "हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" चोर मचाते रहे शोर -ये सारी दुनियां है चोर ! भूल गए एक उँगली दूसरे की ओर करने से 3 अपनी ही ओर होती हैं!! कथित ईमानदार के सारे पाप सामने आएंगे, तो सब जानते थे; काठ की हांड़ी इतना भी नहीं टिक पायेगी, आश्चर्य !!! कहते हैं जो काँच के घरों में रहते हैं, वो दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते! यहाँ दूसरों के घर पत्थर फेंक दिखाते हैं, हमारा कांच अटूट है!! किन्तु जब पत्थर पड़ने लगे, तो रोने लगे!!! -तिलक सं 9911111611, 7531949051.: : "ब्लाग" पर आपका हार्दिक स्वागत है. इस ब्लॉग पर अपनी प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाये भेज सकते हैं, रचनाएँ स्वरचित है इसका सत्यापन कर ई-मेल yugdarpanp@gmail.com पर भेजें, ये तो आपका ही साझा मंच है.धन्यवाद: :
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Tuesday, February 18, 2014

वास्तविकता, केजरीवाल के त्यागपत्र की

वास्तविकता, केजरीवाल के त्यागपत्र की
–आमजन के लिए अप्रत्याशित व अप्रमाणिक
जागो और जगाओ! जड़ों से जुड़ें, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS से जुड़ें!!
विश्व कल्याणार्थ भारत को विश्व गुरु बनाओ !!!
केजरीवाल जी के समक्ष ऐसी किसी भी प्रकार की विषम परिस्थितयां नही थी, जो उन्हें त्यागपत्र देने पर बाध्य करती हो। उन्होंने स्वयं इसकी भूमिका तैयार की और त्यागपत्र देकर सरकार गिरा दी। उन्होंनें दिल्ली की जनता की सेवा का सु-अवसर गंवा दिया।  
उन्होंने मीडिया व जनता को स्वयं कहा –जनता की मांग बहुत छोटी-छोटी है और ये सरकारे उन्हें भी पूरा नही कर सकती। क्या दिल्ली प्रदेश का मुख्यमंत्री भी उन मांगो को पूरा नही कर सका ? या तो स्वयं उनकी पार्टी में या उनकी सरकार की केबिनेट में ही उन्हें कोई कठिनाई आई होगी, सरकार चलाने में; या फिर वह कुछ अधिक ही महत्वाकांक्षी हो गए; या उनके आस-पास अति महत्वाकांक्षी लोगो का जमावड़ा हो गया है।  वास्तविकता जनता के सामने देर-सबेर आ ही जाएगी।  आज आम आदमी ही सबसे अधिक व्यथित हुआ है, क्योंकि आज जो कुछ भी हो रहा है, सब उसका ही नाम लेकर हो रहा है।
आप कितनी ही बडी महत्वकांक्षा रखिए, कितनी ही बडी पार्टी बनाइए ,कितना ही धन इकट्ठा करिए हमें कोई एतराज नही| आप जानो आपका काम; पर ये सब गरीब आम-आदमी की नाम पर तो मत करिए।  मैं भी आम-आदमी हूँ, कष्ट होता हैं। 

कैसे धोखे में रही दिल्ली ? आआपा नेताओं के काले चेहरे से अधिकांश जनता के अपरिचित होने का अर्थ, उन्हें ईमानदार मान लिया गया।  AAP=Advantage Ambiguity Performer अर्थात अस्पष्टता के लाभ की कलाकारी के उनके काले चेहरे को, ईमानदार के आवरण से ढंकने और उन्हें नायक बनाने में लगा बिकाऊ नकारात्मक  मीडिया हमें वंचना देने और धोखेबाज को दिल्ली पर थोपने में सफल में सफल रहा। किन्तु यह धोखा अधिक देर चल 
नहीं सकता था, यह जान कर केजरीवाल भागने का मार्ग खोजने में लगा था। अब शहादत का आवरण चाहिए था। 

दिल्ली की सरकार शहीद हो और लोकसभा का मार्ग बने, जिससे प्रधान मंत्री की महत्वाकांक्षा भी पूर्ण हो जाये। 
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब पायें - 
नकारात्मक बिकाऊ मीडिया का सकारात्मक राष्ट्रवादी व्यापक सार्थक विकल्प, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS.
मैकाले ने जिस प्रकार भारतीय जीवन के सभी अंगों को प्रदूषित किया है, उसे पुनः उचित सांचे में ढाल कर, भारत को विश्व गुरु के उसके खोये पद पर, पुनर्प्रतिष्ठित करने के उद्देश्य से बने, इस युगदर्पण मीडिया समूह YDMS  के 28 ब्लॉग का समूह, उन सभी देश भक्त लेखकों का आह्वान करता है, जो सोशल मीडिया पर जुड़े हैं तथा अच्छे लेखन से समाज को कुछ देना चाहते हैं। भारत की जड़ों से 60 से अधिक देशों में जुड़ा, एक प्रतिष्ठित वैश्विक मंच, आपके लेखन को वैश्विकता प्रदान करेगा, मैकालेवाद के विपरीत भारत माता को गौरवान्वित करेगा। इसकी सार्थकता हेतु, इसके विविध 28 विषय तथा उनकी गहनता व सोच पर विशेष बल दिया गया है। तभी सार्थक, सफल व लोकप्रिय होकर यह लक्ष्य को पूर्ण कर पायेगा।
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये। 
"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं