AAP Aur Paap

: : : "दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, भेड़िये। "हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" चोर मचाते रहे शोर -ये सारी दुनियां है चोर ! भूल गए एक उँगली दूसरे की ओर करने से 3 अपनी ही ओर होती हैं!! कथित ईमानदार के सारे पाप सामने आएंगे, तो सब जानते थे; काठ की हांड़ी इतना भी नहीं टिक पायेगी, आश्चर्य !!! कहते हैं जो काँच के घरों में रहते हैं, वो दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते! यहाँ दूसरों के घर पत्थर फेंक दिखाते हैं, हमारा कांच अटूट है!! किन्तु जब पत्थर पड़ने लगे, तो रोने लगे!!! -तिलक सं 9911111611, 7531949051.: : "ब्लाग" पर आपका हार्दिक स्वागत है. इस ब्लॉग पर अपनी प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाये भेज सकते हैं, रचनाएँ स्वरचित है इसका सत्यापन कर ई-मेल yugdarpanp@gmail.com पर भेजें, ये तो आपका ही साझा मंच है.धन्यवाद: :

Friday, February 7, 2014

केजरीवाल के मंत्री ने संस्थागत निधि में किया घोटाला

केजरीवाल के मंत्री ने संस्थागत  निधि में किया घोटाला 
(बिकाऊ मीडिया निर्मित हमारे ये आदर्श नेता ?) 
AAP's Manish Sisodia under cloud for 'misuse' of NGO's foreign funds"দিল্লি - আআপা বা পাপ", "દિલ્હી - તમે -પાપી", "दिल्ली - आपण किंवा पाप", "ਦਿੱਲੀ, - ਤੁਹਾਨੂੰ ਜ ਪਾਪ", "ದೆಹಲಿ - ನೀವು ಅಥವಾ ಪಾಪ", "தில்லி - நீங்கள் பாவம்", "ఢిల్లీ - మీరు లేదా పాపం", 
दिल्ली के शिक्षा मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने "एनजीओ" 'कबीर' के चंदे का निजी उपयोग किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इस संस्था कबीर की सञ्चालन समिति में शामिल हैं।
इसकी जांच कर रहे गृह मंत्रालय के नियंत्रक की ओर से कहा गया है, कि मनीष सिसोदिया ने जो खर्च बताए और उसके प्रपत्र दिए, उसमे कोई समानता नहीं दिखती है।
जिन अनियमिततताओं के आरोप हैं, उनमें सिसोदिया की पत्नी को बिना रसीद के किराये देना, कर्मचारियों का विवरण न होना, रोकड़ बही का गायब होना, ऐसी यात्राओं के खर्च दिखाए गए हैं जिनका कही कोई विवरण नहीं है।
इतना ही नहीं, संस्था के पैसे से मनीष सिसोदिया ने अपनी कार की मरम्मत करने के लिए भुगतान भी कर दिया।
संस्था कबीर की जांच रिपोर्ट में बताया गया, कि 2008 से 2011-12 के मध्य आरटीआई के कार्यकर्ताओं को 17.7 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, किन्तु जांचदल को इसका कोई आलेख  नहीं दिया गया है। जांचदल को संस्था के कर्मचारियों के वेतन का भी प्रमाण नहीं मिला।
इस संस्था को 2005-06 से 2010-11 के बीच विदेशों से 2 करोड़ रुपये की सहायता मिली। फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेग्युलेशन ऐक्ट के तहत संस्था की 2005-06 से 2011-12 के बीच जांच की गई है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संस्था पांडव नगर स्थित उनके घर से चल रही थी और इसके लिए उनकी पत्नी सीमा को 12,000 रुपये प्रतिमाह किराया दिया गया। जबकि, इस किराए की कोई रसीद उपलब्ध नहीं कराई गई।
कबीर का सीमा के साथ कोई किराया करार भी नहीं दिखाया गया। इतना ही नहीं, जब 2006 से 2008 की रोकड़ बही मांगी गई तो सिसोदिया ने जांचदल को बताया, कि कार्या बदलने के क्रम में कहीं खो गईं।
रपट में कहा गया है, कि सिसोदिया को 11 जुलाई 2008 को देहरादून यात्रा के लिए 17,900 रुपये का भुगतान किया गया, किन्तु बिल के अनुसार गाड़ी दिल्ली-बहराइच-दिल्ली के लिए किराये पर ली गई थी। यह भी नहीं बताया गया, कि इस यात्रा का उद्देश्य क्या था और कितने लोग गए थे। जांच रपट में स्पष्ट टिप्पणी की गई है, कि प्रथम दृष्टया यह मामला धोखाधड़ी का लग रहा है।
(किन्तु, नकारात्मक बिकाऊ मीडिया इन्हे बना हमारे सिर पर बैठाता रहा ?)
जब नकारात्मक बिकाऊ मीडिया जनता को भ्रमित करे, तब पायें 
नकारात्मक बिकाऊ मीडिया का सकारात्मक राष्ट्रवादी व्यापक सार्थक विकल्प, युगदर्पण मीडिया समूह YDMS.
यदि आप भी मुझसे जुड़ना चाहते हैं, तो आपका हार्दिक स्वागत है, संपर्क करें औऱ अपने सम्पर्क सूत्र सहित बताएं, कि आप किस प्रकार व किस स्तर पर कार्य करना चाहते हैं, तथा कितना समय देना चाहते हैं ? आपका आभार अग्रेषित है।
लेखक को जानें -संघर्ष का इतिहास 40 वर्ष लम्बा है, किन्तु 2001 से युगदर्पण समचारपत्र द्वारा सार्थक पत्रकारिता और 2010 से हिंदी ब्लॉग जगत में विविध विषयों के 28 ब्लॉग के माध्यम व्यापक अभियान चला कर 3 वर्ष में 60 देशों में पहचान बनाई है। तथा काव्य और लेखन से पत्रकारिता में अपने सशक्त लेखन का विशेष स्थान बनाने वाले, तिलक राज के 10 हजार पाठकों में लगभग 2000 अकेले अमरीका में हैं। 
तिलक राज रेलन, ऐसे वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिसने पत्रकारिता को व्यवसाय नहीं, सदा पवित्र अभियान माना है। वे कलम के धनी व युगदर्पण मीडिया समूह के संपादक हैं, जिसे केवल अपनी कलम के बल से चलाया जा रहा है । उनकी मान्यता है, कि मैकाले वादी कुचक्र ने केवल भ्रष्टाचार ही नहीं, जीवन के हर क्षेत्र को प्रदूषित किया है। यही कारण है, लड़ाई या सफाई भी व्यापक होनी चाहिए। -युग दर्पण प्रशंसक समूह YDPS 
 -तिलक, संपादक युगदर्पण मीडिया समूह  09911111611, 07531949051
"दिल्ली -आआप की या पाप की"  भेड़ की खाल में, ये भेड़िये। 

"हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं

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