AAP Aur Paap

: : : "दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, भेड़िये। "हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" चोर मचाते रहे शोर -ये सारी दुनियां है चोर ! भूल गए एक उँगली दूसरे की ओर करने से 3 अपनी ही ओर होती हैं!! कथित ईमानदार के सारे पाप सामने आएंगे, तो सब जानते थे; काठ की हांड़ी इतना भी नहीं टिक पायेगी, आश्चर्य !!! कहते हैं जो काँच के घरों में रहते हैं, वो दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते! यहाँ दूसरों के घर पत्थर फेंक दिखाते हैं, हमारा कांच अटूट है!! किन्तु जब पत्थर पड़ने लगे, तो रोने लगे!!! -तिलक सं 9911111611, 7531949051.: : "ब्लाग" पर आपका हार्दिक स्वागत है. इस ब्लॉग पर अपनी प्रकाशित और अप्रकाशित रचनाये भेज सकते हैं, रचनाएँ स्वरचित है इसका सत्यापन कर ई-मेल yugdarpanp@gmail.com पर भेजें, ये तो आपका ही साझा मंच है.धन्यवाद: :

Wednesday, April 30, 2014

तिवारी ने गडकरी से मांगी, बिना शर्त क्षमा

तिवारी ने गडकरी से मांगी, बिना शर्त क्षमा
केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने दुर्भावना पूर्वक भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी के विरुद्ध आदर्श सोसायटी घोटाले के संदर्भ में लगाए गए मिथ्या आरोपों के लिए उनसे ‘‘बिना शर्त क्षमा’’ मांगी है। भाजपा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार तिवारी ने न्यायालय में दिए लिखित वक्तव्य में गडकरी पर लगाए गए गलत आरोपों के लिए क्षमा मांगते हुए कहा है कि भविष्य में वह आदर्श सोसायटी को लेकर उनके बारे में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, जिनसे उनकी मानहानी हो। तिवारी ने कांग्रेस प्रवक्ता के रूप में 10 नवंबर, 2010 को संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि गडकरी का आदर्श सोसायटी में 'बेनामी फ्लैट' है।
गडकरी ने इस आरोप का खंडन करते हुए तिवारी से क्षमा मांगने को कहा था, किन्तु तब ऐसा नहीं करने पर उन्होंने आपराधिक मानहानि का मामला अंकित किया। तिवारी ने मुंबई की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की न्यायालय में दिए लिखित वक्तव्य में कहा, कि आदर्श सोसायटी घोटाले की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की रपट देखने के बाद यह स्पष्ट हुआ है, कि ‘‘इस घोटाले में आपका किसी तरह का कोई लेना देना नहीं था।’’ उन्होंने स्वीकार किया, कि 10 नवंबर, 2010 को उन्होंने जो वक्तव्य दिया था, वह सही तथ्यों पर आधारित नहीं था। गडकरी ने तिवारी की ‘‘बिना शर्त क्षमा याचना’’ के बाद न्यायालय से कांग्रेस नेता के विरुद्ध अपनी याचिका वापस ले ली है। 
मनीष तिवारी ने तो "क्षमा याचना’’ कर ली किन्तु इन मिथ्या आरोपों के सन्दर्भ से केजरीवाल मिथ्या आरोपों के प्रहार करता रहा तथा भाजपा के विरुद्ध जनता को भ्रमित कर लोकतंत्र से खिलवाड़ करता रहा। जब तक मनीष तिवारी अथवा केजरीवाल जैसों पर प्रभावी रोक क़ी कर्यवाही नहीं होती तब तक हम इसे सफल लोकतंत्र में चुनाव आयोग की निष्पक्षता कैसे मान लें। 
नकारात्मक मीडिया के सकारात्मक व्यापक विकल्प का
सार्थक संकल्प -युगदर्पण मीडिया समूह YDMS- तिलक संपादक
"दिल्ली -आआप की या पाप की" भेड़ की खाल में, ये भेड़िये। "हम देंगे तीखा सत्य, किन्तु मीठा विष नहीं।" -तिलक सं

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